चेक बाउंस हुआ तो अब सीधे जाएंगे जेल RBI के तरफ से नया नियम जारी। Check Bounce Case

सबसे पहले आप लोग को बता दें कि इस सोशल मीडिया पर हमेशा कुछ ना कुछ बहुत तेजी से वायरल होती रहती है तो इस बार भी आप लोगों के लिए खबर आ चुकी है जैसे कि आप लोग जानते ही होंगे कि भारत में व्यापारी लेनदेन से लेकर व्यक्तिगत भुगतान कर रहा है इस्तेमाल लंबे समय से एक भरोसा मध्य रहता रहा है लेकिन आप किसी कारणवश चेक बाउंस हो जा रहा है तो या न केवल भुगतान करने वाले और लेनदेन वाले के बीच विवाद पैदा करना है बल्कि किस जाने के लिए पीड़ित पक्ष में महीना या सलाह सालों तक कोई के चक्कर लड़ने पड़ेगा। आप सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक इतिहास फैसला सुनाया जा रहा है जो देश के लाखों लोगों को राहत देखने को मिल रहा है तो आईए जानते हैं भारत में व्यक्तिगत व्यापारियों ने लेनदेन के लिए आप लोग तलाश कर रहे हैं।

Check Bounce Case

सबसे पहले चेक बाउंस मामले में शिकायत दर्ज और फिर लगातार तारीख को अदालत में हाजिर होना बेहद थकावट और महसूस काम था कई बार आरोपी पक्ष जानबूझक जानबूझकर कैसे को लंबा खींच देता है जिसमें नया में देरी होती है और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश दिया जा रहा है कि चेक बाउंस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया जाए तेजी होगी और अनुवाचक यदि खाता की जाए तो भारत के व्यक्ति लेनदेन में आप लोग बहुत परेशान हो चुके हैं तो लिए आप लोगों को चेक बॉस के मामले में सुप्रीम कोर्ट से सुनाई दिए जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश समय पर निपटाना जरूरी

सुप्रीम कोर्ट के कहां है कि चेक बॉस को जोड़ मामले को प्राथमिकता आधार पर बताया जाएगा बिजली अदालत को आदेश दिया जा रहा है कि यह कैसे मामले में लंबे समय तक लंबी ना रखें और नीचे समय सीमा के फैसला सुनाया जा रहा है इसमें शिकायत दर्ज को समय पर नया नियम मिलेगा और कोर्ट का बोझ भी खत्म हो जाएगा बार-बार तारीफ लेने की प्रकृति पर रोका गया है पिछले कई सालों में देखा जा रहा है कि आरोपी पक्ष जानबूझकर बार-बार सुनाई थी तारीख आगे बढ़वात जा रहा है इसे कैसे कई सालों तक जीते हैं और पीड़ित पक्ष को मानसिक आर्थिक और समय की कहानी किया गया है सुप्रीम कोर्ट ने आज इस प्रकृति पर सकते रूप लगाने का आदेश दिया जाएगी इन में देरी न हो।

ऑनलाइन और वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा

कोर्ट के कहां गया है कि जहां संभावना हो वहां चेक बाउंस मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जा रहा है खास कर कैसे मामले में जहां तथ्यों को लेकर ज्यादा विवाद हो रहा है। सनी केवल दस्तावेज सबूतों को आधारित हो रहा है इसमें शिकायतकर्ता आरोपी दोनों को कोर्ट के अनजाने जाने में समय पर खर्चि्व आ रहा है कुछ निर्यात भी कहा गया है कि खासकर इस मामले में जहां मंडे को सुना ए सनी वीडियो कंपटीशन में माध्यम से किया जा रहा है।

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